Bangladesh Violence: बांग्लादेश में मंदिरों पर हमले के बाद भड़की हिंसा, 17 लोगों के बैंक खाते किए गए फ्रीज
Bangladesh Violence: बांगलादेश के चटगांव शहर में शुक्रवार को एक हिंसक भीड़ ने तीन हिंदू मंदिरों पर हमला किया। यह घटना उस समय हुई जब एक धार्मिक समूह से जुड़े पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ राजद्रोह के आरोप लगाए गए थे। इन मंदिरों में शांति और धर्म के प्रतीक माने जाते हैं, लेकिन इस हमले ने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को भयभीत कर दिया है और यह सवाल खड़ा किया है कि बांगलादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की स्थिति क्या है।
बांगलादेश में मंदिरों पर हमला
यह हमला चटगांव के हरिशचंद्र मुंसेफ लेन में स्थित शंतानेश्वरी मातृ मंदिर, शनि मंदिर और शंतानेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर पर किया गया। भीड़ ने इन मंदिरों के गेट्स को तोड़ दिया और पथराव किया। मंदिरों के प्रबंधन समिति के सदस्य तपन दास ने बताया कि शुक्रवार की नमाज के बाद सैकड़ों की संख्या में लोग आकर इन मंदिरों पर नारेबाजी करते हुए हमला कर रहे थे। इस हमले में इन मंदिरों के गेट और संरचनाओं को गंभीर नुकसान हुआ। बाद में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को बुलाया गया। यह घटना उस समय घटी जब बांगलादेश में हिंसक प्रदर्शन हो रहे थे और इससे पहले सरकार ने चिन्मय कृष्ण दास और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की थी।
चिन्मय कृष्ण दास पर राजद्रोह के आरोप
चिन्मय कृष्ण दास, जो कि एक पूर्व ISKCON सदस्य थे, पर बांगलादेश सरकार ने राजद्रोह के आरोप लगाए हैं। इसके बाद बांगलादेश सरकार ने ISKCON से जुड़ी 17 व्यक्तियों के बैंक खातों को 30 दिनों के लिए फ्रीज करने का आदेश दिया। इस कार्रवाई ने बांगलादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय में असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। इसके बाद से बांगलादेश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा और विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ गई है।
भारत की चिंता और प्रतिक्रियाएँ
भारत ने बांगलादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों को गंभीरता से लिया है और इस पर बांगलादेश सरकार से बातचीत की है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा में कहा कि भारत को बांगलादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे हमलों की खबरों को लेकर चिंता है। उन्होंने कहा कि भारत ने बांगलादेश सरकार से इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है और बांगलादेश से उम्मीद की है कि वह अपनी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
भारत ने यह भी कहा कि ISKCON एक सामाजिक सेवा संगठन है और इस मामले में कानूनी अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने यह भी उम्मीद जताई कि इस मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी न्याय होगा।
ब्रिटिश सांसद और अमेरिकी नेता की प्रतिक्रिया
ब्रिटेन के कंजरवेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने संसद में कहा कि बांगलादेश में हिंदू समुदाय पर हमले हो रहे हैं, उनके मंदिर जलाए जा रहे हैं, और उनके धार्मिक नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने इसे सीधे तौर पर हिंदू समुदाय पर हमला बताया और कहा कि ब्रिटेन को इस मामले में बांगलादेश सरकार से जवाब पूछना चाहिए, क्योंकि यह वही देश था जिसने बांगलादेश की स्वतंत्रता को संभव बनाया था।
वहीं, अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के पूर्व आयुक्त जानी मूर ने भी बांगलादेश सरकार की आलोचना की और कहा कि बांगलादेश में कोई भी अल्पसंख्यक समुदाय अब सुरक्षित महसूस नहीं करता। उन्होंने कहा कि अगर सरकार चिन्मय कृष्ण दास जैसे व्यक्ति पर हमला कर सकती है, तो कोई भी अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है।
बांगलादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति
बांगलादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हमलों की घटनाएं कोई नई नहीं हैं। पिछले कुछ वर्षों में बांगलादेश में हिंदू मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर हमले बढ़े हैं। इसके साथ ही हिंदू व्यापारियों और नागरिकों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं भी सामने आई हैं। इन हमलों के पीछे मुख्य कारण धार्मिक असहमति और राजनीतिक मुद्दे माने जाते हैं। बांगलादेश सरकार के खिलाफ इन घटनाओं को लेकर कई बार अंतर्राष्ट्रीय दबाव भी बढ़ चुका है।
जानी मूर ने कहा कि बांगलादेश सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह अपनी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। वह मानते हैं कि इस समय बांगलादेश के अल्पसंख्यकों के लिए यह जीवन और अस्तित्व का सवाल बन चुका है।
भारत और बांगलादेश के संबंध
भारत और बांगलादेश के बीच राजनीतिक और सांस्कृतिक रिश्ते सदियों पुराने हैं, लेकिन हाल के वर्षों में हिंदू समुदाय पर हमलों ने दोनों देशों के संबंधों में तनाव पैदा किया है। भारत ने हमेशा बांगलादेश के विकास में योगदान दिया है और दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए काम किया है। हालांकि, बांगलादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ते हमले भारत में चिंता का कारण बने हैं।
बांगलादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमले और उनकी धार्मिक स्वतंत्रता पर हमले की घटनाएं न केवल बांगलादेश में अल्पसंख्यकों के लिए चिंता का विषय हैं, बल्कि यह भारत और अन्य अंतर्राष्ट्रीय समुदायों के लिए भी चिंता का कारण बन गई हैं। यह जरूरी है कि बांगलादेश सरकार अपनी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और इस मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी न्याय प्रदान करे। भारत और अन्य देशों को इस मुद्दे पर बांगलादेश सरकार से सख्त कदम उठाने की उम्मीद करनी चाहिए, ताकि हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का पालन कर सकें।